आज याद तुम आ रहे हो,
दिल है कि जैसे धड़कना छोड़ दिया है,
जीवन है कि फिर भी चले जा ही रहा है
आज याद तुम आ रहे हो …….
कैसे समझाऊँ दिल को अपने
ये तुम्हारी ओर मुड़े जा रहा है,
नादान तो नहीं है वैसे
फिर क्यों ऐसी नादानी किये जा रहा है
जानता है दिल होगा न कुछ हासिल,
फिर भी ये आस किये जा रहा है ….
जो खबर थी तुम्हारी वह बुरा स्वप्न बन जाए
तुम फिर आजाओ, हम फिर मिल जाएँ
पर जो गया उसे वापस ले आएं संभव तो नहीं,
पर दिल है जो ये मानता ही नहीं
बस बार बार तुम याद आ रहे हो
आज तुम फिर बहुत याद आ रहे हो ….